दोस्तों क्या आप जानते हैं मकरध्वज के वंशज आज भी भारत में रहते हैं।
कहा जाता है कि जब हनुमान जी लंका जलाकर लौट रहे थे तो उनके पसीने की एक बूंद समुद्र में गिर गई, जिसे एक मकर ने निगल लिया। इससे एक अत्यंत पराक्रमी बालक का जन्म हुआ जिसका नाम मकरध्वज रखा गया। भारत के जेठवा राजवंश की लोककथाओं के अनुसार, मकरध्वज का मोदध्वज नाम का एक पुत्र था, जिसका बाद में जेठीध्वज नाम का एक पुत्र हुआ। ऐसा माना जाता है कि जेठवा, जेठीध्वज के वंशज हैं। वे भगवान हनुमान को अपने प्रमुख देवता के रूप में पूजते हैं। मकरध्वज को समर्पित मंदिर आज भी भारत में पाए जा सकते हैं, खासकर गुजरात में, जहां कभी जेठवाओं का शासन था।
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